अपनी कुछ कवितायेँ, कुछ ग़ज़ल, कुछ बात रख रहा हूँ ............... मेरी ज़िन्दगी के कुछ एहसासात रख रहा हूँ
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Indranil Bhattacharjee "सैल"
दुनियादारी से ज्यादा राबता कभी न था !
जज्बात के सहारे ये ज़िन्दगी कर ली तमाम !!
अपनी टिप्पणियां और सुझाव देना न भूलिएगा, एक रचनाकार के लिए ये बहुमूल्य हैं ...
जज्बात के सहारे ये ज़िन्दगी कर ली तमाम !!
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बहुत ही सुन्दर्।
ReplyDeleteहर एक शेर लाजवाब
ReplyDeleteअच्छा .....तो ये ग़ज़ल थी....
ReplyDeleteबेहतरीन गजल. अच्छा लगा सुनकर
ReplyDeletetareefekabil hai pasand... abhi sun rahi hun, lyrics dekar jaan ko pukhta ker diya
ReplyDeleteइसे हमने कभी नहीं सुना था. बहुत प्यारी लगी. आभार.
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति....सुंदर ग़ज़ल
ReplyDeletebahut sundar...........
ReplyDeleteBahut sunder ....shabd aur awaz.... meri pasandida gazalon me se ek hai.... bahut dhanywad
ReplyDeleteवाह्! बहुत ही बढिया बात...बेहतरीन्!
ReplyDeleteदोनों ग़ज़लों को पढ़ा. आपकी ग़ज़ल के शे'र ज्यादा पसंद आए. जगजीत सिंह की गायकी सुनाने के लिए धन्यवाद.
ReplyDelete@ भूषण जी
ReplyDeleteक्यूँ शर्मिंदा कर रहे हैं ...:)
... sundar post !!!
ReplyDeleteये तो अपना वन ऑफ द फेवरिट है ही...आपने जो गज़ल दी थी, वो भी अच्छी लगी...
ReplyDeleteVaah!
ReplyDeleteमुट्ठी भर आसमान...
ReplyDeleteबेहतरीन गजल. अच्छा लगा सुनकर
ReplyDeleteइस अद्भुत आनंद को दिलाने के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया...वाह..
ReplyDeleteनीरज
बहुत ख़ूबसूरत और शानदार ग़ज़ल ! बेहतरीन प्रस्तुती!
ReplyDeleteshukriya is ghazal ko share karne ke liye indraneel babu.. jagjeet jee ki gayi pasandeeda gazlon men se hai ....
ReplyDeleteबहुत अच्छी ग़ज़ल का चयन किया है आपने।
ReplyDeleteजगजीत सिंह की रेशमी आवाज़ का जादू ग़ज़ल के भावों को द्विगुणित कर रहा है।
आभार आपका।
गजलों की बहुत शौक़ीन हूँ। आभार इस बेहतरीन ग़ज़ल को सुनवाने के लिए।
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