Indranil Bhattacharjee "सैल"

दुनियादारी से ज्यादा राबता कभी न था !
जज्बात के सहारे ये ज़िन्दगी कर ली तमाम !!

अपनी टिप्पणियां और सुझाव देना न भूलिएगा, एक रचनाकार के लिए ये बहुमूल्य हैं ...

Mar 7, 2013

उजाले

1.
सिरहाने चांदनी रखकर
सो गया था मैं,
रातभर ...
सोने नहीं दिया
ख्वाबों के उजाले ।

2.
बहुत उदास होकर
आँखें बंद कर ली मैंने,
जैसे थक गई हो आँख
उजालों के शोर से ।

3.
तुम जो कल
ख्वाबों में आ गई थी,
मेरी अँधेरी रात के बदन पर
लग गए थे
कुछ उजालों के दाग ।

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