अपनी कुछ कवितायेँ, कुछ ग़ज़ल, कुछ बात रख रहा हूँ ............... मेरी ज़िन्दगी के कुछ एहसासात रख रहा हूँ
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Indranil Bhattacharjee "सैल"
दुनियादारी से ज्यादा राबता कभी न था !
जज्बात के सहारे ये ज़िन्दगी कर ली तमाम !!
अपनी टिप्पणियां और सुझाव देना न भूलिएगा, एक रचनाकार के लिए ये बहुमूल्य हैं ...
जज्बात के सहारे ये ज़िन्दगी कर ली तमाम !!
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Nov 29, 2010
लीजिए, आनंद लीजिए !
इससे पहले के पोस्ट में मैंने जो ग़ज़ल दी है वो जिस ग़ज़ल से प्रेरित है अब आप उसका लुत्फ़ उठाइए ... बहुत ही बेहतरीन और खुबसूरत ग़ज़ल है ... जिसे लिखा है राजेश रेड्डी जी और उसे खुबसूरत ढंग से गाया है जगजीत सिंह जी .... सुनिए ये ग़ज़ल जगजीत सिंह जी के एल्बम "आईना" से ...
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