Indranil Bhattacharjee "सैल"

दुनियादारी से ज्यादा राबता कभी न था !
जज्बात के सहारे ये ज़िन्दगी कर ली तमाम !!

अपनी टिप्पणियां और सुझाव देना न भूलिएगा, एक रचनाकार के लिए ये बहुमूल्य हैं ...

Jan 31, 2011

धूप – चाँद – रंग – खुशबू !

धूप
उस दिन जब तुम
खड़ी थी मेज के पास,
खिडकी से आकर
धूप का एक कतरा,
छूं लिया था
तुम्हारे चेहरे को
आज भी हर रोज़  
ठीक उसी समय,
वो ता है खिडकी से,
और ढूंढते रहता है
वो छुवन !

चाँद
देखो कितना शैतान है
ये चाँद !
जब तुम थी तो
फैलाकर चांदनी,
मुस्कुराता था
आज कितनी देर से
खड़ा हूँ खिडकी के सामने,
और वो छुपकर बैठा है
बादलों के पीछे !

रंग – खुशबू
वो जो ख्वाबों के पौधे
लगाये थे हमने
साथ मिलकर;
उनपर आज खिले हैं 
सुख के फूल
रंगीन, दिलकश !
पर न जाने क्यूँ,
नहीं है
उनमें खुशबू ।

Jan 17, 2011

शहर में ढिंढोरा, बगल में छोरा

लो जी, जिस पौधे/फूल के बारे में इतने दिनों से सोच रहा था कि यह क्या है, वह तो अपना जान-पहचान वाला निकला । मेरी पिछली पोस्ट में आप इसकी तस्वीर देख सकते हैं
यानि कि वही बात हो गई कि "शहर में ढिंढोरा, बगल में छोरा" !
तस्वीर ब्लॉग में लगाने के बाद मैंने तृप्ती (मेरी पत्नी) से इस के बारे में बताया । अब उसे भी आज ही समय मिला कि मेरे ब्लॉग खोलकर देखे मेरी इस पोस्ट को । देखते ही उसने बताया कि इस तरह का फूल उसने केरल में देखा था जब वो वहां पढाई करने गई थी
मैं पढाई के सिलसिले में दसवीं के बाद से ही घर से बाहर ही रहा । कई आम बातें जो बाग-बगीचे से सम्बंधित है, जान ही नहीं पाया । शायद इसी का नतीजा है कि इस तस्वीर में क्या है यह समझ नहीं पाया
आप सब को जानकर आश्चर्य होगा कि यह एक फूल है और एक ऐसी सब्जी से सम्बंधित है जिसे हम अक्सर खाते हैं । उड़ीसा में इस सब्जी को व्यावसायिक फसल के तौर पर खेती की जाती है
दरअसल यह सब्जी एक कंदमूल है । इसे हिंदी में सूरन या जिमीकंद कहते हैं । अंग्रेजी में इसे "Elephant Foot Yam" कहते हैं । इसका वैज्ञानिक नाम Amorphophallus paeoniifolius है । भारत के अलावा यह इंडोनेसिया, मलेशिया, फिलीपींस में भी पाई जाती है । 
इसके बारे में विस्तृत जानकारी आप निमोक्त लिंक से पा जायेंगे
१. http://www.orissa.gov.in/e-magazine/Orissareview/Aug2006/engpdf/71-72.pdf
२. http://en.wikipedia.org/wiki/Amorphophallus_paeoniifolius
३. http://www.natureproducts.net/Forest_Products/Aroids/Amorphophallus.html
४. http://www.anbg.gov.au/gnp/interns-2002/amorphophallus-paeoniifolius.html

Jan 16, 2011

तस्वीर !

कार्यालयीन व्यस्तता इस कदर छाई हुई है कि कोई रचना तो दूर की बात है, एक शब्द लिखने का समय नहीं मिल पा रहा है ऐसे में क्या पोस्ट करूं फिर याद आई कि बहुत दिनों पहले हमारे घर के पीछे जो बगीचा है वहाँ कुछ अजीब सा पौधा दिखा था । मैंने उसकी एक तस्वीर भी ली थी । सोचा उसी तस्वीर को यहाँ पोस्ट करूं । मुझे इस पौधा (या जो भी कहिये इसे) का नाम नहीं पता है । क्या कोई मुझे इसका नाम बताएगा ? इसे हिंदी या अंग्रेजी में क्या कहते हैं ?




और हाँ ! ये कोई पहेली नहीं है .... बस मुझे इस पौधा/फूल का नाम पता करना था ...

Jan 5, 2011

बस पराई पीड़ देख




गगन में तू कृष्णकाय बादलों की भीड़ देख
अश्रुजल में भग्नप्राय स्वप्न का तू नीड़ देख ॥

असहनीय यातना हो, मन में तीव्र कष्ट हो
दिखा ना तू दर्द हाय, बस पराई पीड़ देख ॥

गरीबों में इन्कलाब कैसे आएगा बता
अभावों की वेदना से झुक गई है रीढ़ देख ॥

समस्या का सामना तू ‘सैल’ करना सीख ले
पहाड़ों पर गर्वोन्नत सर खड़ा है ची देख

चित्र साभार गूगल सर्च !

Jan 1, 2011

मनाते हैं आरंभ की खुशी


कभी छोटा,
कभी बड़ा,
कालखंडो में बंटा
मानव इतिहास,
मानव जीवन
जैसे पन्नों में बंटी
किताब
अब मौका है
कि पन्ना पलटो,
और लिखना शुरू करो
नए पन्ने पर
कुछ नए शब्द,
नई भाषा,
शायद पाठक भी नए हो !
एक अंत ही
एक शुरुआत है
मुहूर्त, पहर, दिन, महीना, साल
में बंटा जीवन,
को जीते हैं
मनाते हैं आरंभ की खुशी
भूल कर अंत का गम
सबसे कहते हैं
मुबारक हो आपको
२०११

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