Indranil Bhattacharjee "सैल"

दुनियादारी से ज्यादा राबता कभी न था !
जज्बात के सहारे ये ज़िन्दगी कर ली तमाम !!

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Feb 21, 2017

खोटा पैसा

ऐसा क्यों होता है कि आप रात को सोने की कोशिश करो  नींद न आये   ... बस न जाने कहाँ से कुछ शब्द भीड़ कर आये मन में  ....
ऐसा क्यों होता है ?

युग बीते
ये गुस्सा कैसा
दिन का उजाला
रात हो जैसा
प्यार के बढ़ते
ये दिखावे
क्या होगा
ये खोटा पैसा
कोई फर्क ना
हममें तुममें
हम हैं जैसे
तुम हो वैसा
सैल तेरे इस
ज़िद पे सबने
दिन देखा है
कैसा कैसा।

3 comments:

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