दोस्तों आप सबको फिर से बधाई दे रहा हूँ ... क्यूंकि एक और रिपोर्ट आया हुआ है ...
और इस बार हमारे देश ने पहले से और बेहतर कमाल कर दिखाया है ...
इस बार मैं बात कर रहा हूँ संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा प्रकाशित "मानव विकास रिपोर्ट" (Human Development Report) की ....
इस रिपोर्ट में दुनिया भर के देशों को सुचिबध्ह किया गया है ... उन देशों में मानव समाज की प्रगति और विकास के स्तर के आधार पर ...
और, आपको क्या लगता है .... हमारा प्यारा देश कौन सा स्थान प्राप्त किया होगा ?
चलिए अंदाजा लगाइए ...
क्या कहा आपने, अंदाजा लगाना मुश्किल है ?
तो लीजिए हम आपको बताये देते हैं ...
169 देशों की सूचि में हमने 119 वां स्थान प्राप्त किये हैं ...
अब तो गर्व से सर उचां हो जाना चाहिए ... है न ?
इससे पहले मेरे इस पोस्ट "बधाई हो बंधुओं ! बधाई हो ! चलिए खुशियाँ मनाते हैं ! पार्टी करते हैं !" में मैंने ये बताया था कि Transparency International द्वारा 2010 का Corruption Perception Index (भ्रष्टाचार बोध सूचकांक) प्रकाश किया गया है और हम 87 वां स्थान प्राप्त किये हैं !
और अब मानव विकास सूचकांक में 119 वां स्थान ...
बहुत जल्दी जल्दी हम उन्नती कर रहे हैं, है न ?
अब तो सच में कोई five star होटल में पार्टी होनी चाहिए जिसमें देश के बड़े बड़े अमीर लोग, और देश के नेता करोड़ों रुपये उड़ा सके, मदिरा कि नदियाँ बहे, इतना खाना बर्बाद हो जितने में कई सौ गरीब परिवार का पेट भर जाता ..... और देश में मानव विकास कार्यक्रम पर एक लंबा सा भाषण हो ...
मज़ा आ जायेगा ....
नीचे हमेशा की तरह लिंक दिए दे रहा हूँ :
http://hdr.undp.org/en/statistics/
http://hdr.undp.org/en/countries/
http://hdr.undp.org/en/
http://hdr.undp.org/en/media/HDR_2010_EN_Complete.pdf
और देश में मानव विकास कार्यक्रम पर एक लंबा सा भाषण हो ...
ReplyDeleteऔर फिर इस कार्य में तो हमें महारत हासिल है ही
katksh sahi hai...
ReplyDeleteसैल जी,
ReplyDeleteबधाई!पर मुझे तो दुष्यंत कुमार जी का एक शेर याद आया!
"कल मिला था नुमाइश में चीथडे पहने हुये,
मैने पूछा नाम तो बोला हिन्दूस्तान!"
Kabhi to aisa din aayega,jab hame apne deshpe naaz hoga! Anyatha kya kahun?
ReplyDelete'मानव विकास' के आंकड़ों से हमारा तात्पर्य 'जनसंख्या विकास' से था. UNDP ने गलत अर्थ लिया ;))
ReplyDelete.
ReplyDeleteनैतिक मूल्यों का हनन एवं पारस्परिक द्वेष , तथा विकृत होती मानसिकता भी हमारे विकास में बाधक होती है।
.
हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब, एक दिन......
ReplyDeleteजाने भी दो यारों।
@रश्मि दीदी
ReplyDeleteशुक्रिया
@ वर्मा जी
बस इसी में महारत हासिल है
@K the Leo
इससे बेहतर तरीके से और कौन कह सकता है
@ क्षमा जी और मो सम कौन
ReplyDeleteइंतज़ार लंबा न हो जाए
@भूषण जी
ReplyDeleteआपने एकदम सही पकड़ा है
@दिव्या जी
बहुत सारी बातें हैं, इस पर भी लिखूंगा एक आलेख
धोती खोल ही दी आपने और सच ...नंगा सच सामने रख दिया देश का ...सटीक कटाक्ष मारा है
ReplyDeleteसच? अच्छा कटा़क्ष है धन्यवाद।
ReplyDeletebahut hi shandar tareeke se ek katu sachhai ko prastut kiya hai,desh ki badtar hoti sthiti par ek karara vyang.
ReplyDeletedhanyvaad.
poonam
भाई जी ... पाकिस्तान से ऊपर हमारा नंबर है या नहीं ... ये जरूर बता देना ... बाकी तो की फर्क पैंदा है ...
ReplyDeleteसच ....बहुत ही सही लिखा है आपने ....बेहतरीन प्रस्तुति ।
ReplyDeleteबहुत गहरा कटाक्ष
ReplyDeleteबड़ी तकलीफ देह है यह हकीकत....
ReplyDeleteजहां आदमी धर्म और जाति में विभक्त होता है, वहां मानव विकास की दर कम होती है।
ReplyDeleteगहरा कटाक्ष किया है आपने .....
ReplyDeleteसमझ नहीं आता क्या करें, देश को कैसे आगे ले जाएँ .....
देश को आगे बढ़ने का एक ही उपाय है और वो है आत्मोत्थान ! मैं कोई अध्यात्मिक उन्नति की बात नहीं कर रहा हूँ ... मैं चारित्रिक और मानसिक उन्नति की बात कर रहा हूँ ...
ReplyDelete@ Devendra Pandey jee
ReplyDeleteधर्म और जातिभेद हमेशा से ही हमारे देश और समाज का दुश्मन रहा है ... ये बात हम समझकर भी समझना नहीं चाहते हैं
आपने सही लिखा है. सहमत.
ReplyDeleteतरक्की तो है downward ही सही.
ReplyDeleteभगवान कहीं है,ये तो पक्का है,वरना इस देश को चला कौन रहा है.
हाँ जब देश के नागरिक जागरूक और सक्षम नहीं है तो ये काम भी रामजी को ही करना पड़ेगा ...
ReplyDelete