एक महीने के लिए भारत छुट्टी पे गया था । वहाँ से लौटने के बाद भी बिलकुल समय नहीं मिल रहा था कि ब्लॉग पर कुछ लिखूं । आज फिर आ गया अपने दोस्तों से मिलने ।
भारत से लौटने के बाद यहाँ हमारे माननीय राष्ट्रपतिजी श्रीमती प्रतिभाताई पाटिल का दौरा हुआ । उनके साथ करीब तीस लोगों का व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भी आया हुआ था जिनका नेतृत्व मानस एड्वैजोरी के श्री भूतलिंगम जी कर रहे थे । इसके अलावा विदेश मंत्रालय के कई अफसर भी आये थे । राष्ट्रपतिजी के टोली में आदिवासी मामलों के राज्य मंत्री श्री खंडेला जी और सांसद श्रीमती तिरिया भी उपस्थित थे ।
Chinggis Khaan हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति श्रीमती पाटिल का स्वागत करने के लिए मोंगोलियाई विदेश मंत्री श्री Zandanshatar और भारत में मंगोलियाई राजदूत श्री Enkhbold आये हुए थे । उसके बाद यहाँ उलानबातर स्थित सुख्बातर चौक पे मोंगोलियाई राष्ट्रपति श्री एल्बेग्दोर्ज और उनकी पत्नी द्वारा हमारे राष्ट्रपति का स्वागत किया गया ।
२७ से २९ जुलाई तक के दौरे में राष्ट्रपतिजी यहाँ के प्रधान मंत्री, यहाँ के महिला राजनेत्री का एक दल और यहाँ के व्यापारिक संगठन से भी मिले ।
मेरा सौभाग्य था कि उस समय मैं यहीं उपस्थित था और राष्ट्रपतिजी के उपस्थिति तथा सम्मान में आयोजित व्यापार मंच में भाग लेने का अवसर प्राप्त हुआ । वहां पर मुझे कई स्वनामधन्य और प्रतिष्ठित उद्योगपतियों से मिलने का मौका मिला ।
२८ तारीख को उलानबातर में स्थित महात्मा गाँधी के पुतले पर फूल चढाने के लिए आयोजित कार्यक्रम में माननीय राष्ट्रपतिजी के सामने अन्य भारतीयों के साथ मिलकर "रघुपति राघव" गाने का अवसर भी प्राप्त हुआ ।
राष्ट्रपतिजी जब गांधीजी के पुतले को फूल चढ़ाके लौट रहे थे, मेरी पत्नी तृप्ति को उनसे आमने सामने बात करने का सुवर्ण अवसर प्राप्त हुआ । राष्ट्रपतिजी अपने हाथों से मेरी बेटी चिन्मयी को एक चोकोलेट का डब्बा भी उपहार स्वरुप दिए । इसके बारे में आप यहाँ देख सकते हैं ।
आप सबके लिए आज मैं उन्ही क्षणों की कुछ तस्वीर प्रस्तुत कर रहा हूँ । उम्मीद है आप सबको अच्छा लगेगा । बहुत जल्दी आप सबके लिए मैं फिर से कविता इत्यादि लेकर हाज़िर हो जाऊंगा ।
तब तक के लिए नमस्कार ।
भारत से लौटने के बाद यहाँ हमारे माननीय राष्ट्रपतिजी श्रीमती प्रतिभाताई पाटिल का दौरा हुआ । उनके साथ करीब तीस लोगों का व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भी आया हुआ था जिनका नेतृत्व मानस एड्वैजोरी के श्री भूतलिंगम जी कर रहे थे । इसके अलावा विदेश मंत्रालय के कई अफसर भी आये थे । राष्ट्रपतिजी के टोली में आदिवासी मामलों के राज्य मंत्री श्री खंडेला जी और सांसद श्रीमती तिरिया भी उपस्थित थे ।
Chinggis Khaan हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति श्रीमती पाटिल का स्वागत करने के लिए मोंगोलियाई विदेश मंत्री श्री Zandanshatar और भारत में मंगोलियाई राजदूत श्री Enkhbold आये हुए थे । उसके बाद यहाँ उलानबातर स्थित सुख्बातर चौक पे मोंगोलियाई राष्ट्रपति श्री एल्बेग्दोर्ज और उनकी पत्नी द्वारा हमारे राष्ट्रपति का स्वागत किया गया ।
२७ से २९ जुलाई तक के दौरे में राष्ट्रपतिजी यहाँ के प्रधान मंत्री, यहाँ के महिला राजनेत्री का एक दल और यहाँ के व्यापारिक संगठन से भी मिले ।
मेरा सौभाग्य था कि उस समय मैं यहीं उपस्थित था और राष्ट्रपतिजी के उपस्थिति तथा सम्मान में आयोजित व्यापार मंच में भाग लेने का अवसर प्राप्त हुआ । वहां पर मुझे कई स्वनामधन्य और प्रतिष्ठित उद्योगपतियों से मिलने का मौका मिला ।
२८ तारीख को उलानबातर में स्थित महात्मा गाँधी के पुतले पर फूल चढाने के लिए आयोजित कार्यक्रम में माननीय राष्ट्रपतिजी के सामने अन्य भारतीयों के साथ मिलकर "रघुपति राघव" गाने का अवसर भी प्राप्त हुआ ।
राष्ट्रपतिजी जब गांधीजी के पुतले को फूल चढ़ाके लौट रहे थे, मेरी पत्नी तृप्ति को उनसे आमने सामने बात करने का सुवर्ण अवसर प्राप्त हुआ । राष्ट्रपतिजी अपने हाथों से मेरी बेटी चिन्मयी को एक चोकोलेट का डब्बा भी उपहार स्वरुप दिए । इसके बारे में आप यहाँ देख सकते हैं ।
आप सबके लिए आज मैं उन्ही क्षणों की कुछ तस्वीर प्रस्तुत कर रहा हूँ । उम्मीद है आप सबको अच्छा लगेगा । बहुत जल्दी आप सबके लिए मैं फिर से कविता इत्यादि लेकर हाज़िर हो जाऊंगा ।
तब तक के लिए नमस्कार ।
बहुत बहुत बधाई सर।
ReplyDeleteसादर
चिमयी के उफार की बात तो फेस बुक पर देखी थी बाकी चित्र और वर्णन पढ़ कर बेहद अच्छा लगा।
ReplyDeleteलाजवाब चित्रों के साथ सजी पोस्ट ... विवरण पढ़ कर अच्छा लगा ...
ReplyDeleteबहुत कुछ दिखा दिया है आपने इस लेख के द्धारा।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति..पढ़ कर बहुत अच्छा लगा.
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा पढ़कर। आपको बहुत-बहुत बधाई।
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई ...
ReplyDeleteआदरणीय भाई इंद्रनील जी
ReplyDeleteसादर सस्नेहाभिवादन !
माननीया राष्ट्रपतिजी से मिलने ,
रघुपति राघव गाने ,
और रानी बिटिया चिन्मयी को महामहिमा के हाथों उपहार पाने की सचित्र रिपोर्ट बहुत अच्छी लगी ।
बधाई ! बधाई !! बधाई !!!
# कभी अपने ब्लॉग पर आपकी आवाज़ में आपकी ग़ज़ल हमारे सुनने के लिए भी लगाएं न ! :)
हार्दिक मंगलकामनाओं सहित
-राजेन्द्र स्वर्णकार
…और हां , तृप्ति बहन को पहली बार देखा …
ReplyDeleteसुंदरता में मेरी बहन बिल्कुल तन्मयी पर गई है …
नज़र न लगे , इसलिए 'थुथकारा' डाल रहा हूं …:)
थुथकारा राजस्थानी शब्द है ,
किसी प्रिय को बुरी नज़र से बचाने के लिए होंठ गोल करके ,
जीभ को थोड़ा-सा बाहर निकाल कर थु थु बोला जाता है …
और बुरी नज़र नहीं लगती … :))
सार्थक चित्रमयी यात्रा वृतांत का varnan किया है आपने .आपके परिवार के साथ प्रतिभा जी की स्नेहपूर्ण भेंट हेतु बधाई
ReplyDeleteblog paheli no.1
बढ़िया विवरण मिला...तस्वीरें अच्छी हैं.
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति. बहुत बहुत बधाई.
ReplyDeleteसादर,
डोरोथी.
is uphaar se mil chuki hun ...
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई.
ReplyDeleteयादगार तस्वीरों के साथ राष्ट्रपति जी की स्मृतियाँ. बढ़िया लगा. बधाइयाँ.
ReplyDeleteयादगार मुलाकात रही।
ReplyDeleteआभार
राष्ट्रपति की यात्रा और आपका सपरिवार उनसे मिलने का विवरण पढ़कर अच्छा लगा ।
ReplyDeleteबधाई एवं शुभकामनाएं।
बना रहे यह मुलाकातों का सिलसिला ....और बढ़ता रहे जीवन का यह सफ़र अपनी मंजिल की और ...आपको बधाई
ReplyDeleteसुन्दर चित्रों से सुसज्जित बहुत बढ़िया विवरण रहा! बहुत बहुत बधाई!
ReplyDeleteबहुत सशक्त प्रस्तुति।
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति...
ReplyDeleteप्रिय चिन्मयी को महामहिमा के हाथों उपहार पाने पर बहुत बहुत बधाई!
अरे वाह! आप तीनों को बधाई हो!
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