बचपन से पेंटिंग का बहुत शौक था । खासकर पोर्ट्रेट पेंटिंग का । आयल पेंट से पोर्ट्रेट बनाता था । कई लोगों का पोर्ट्रेट बनाया था, जैसे कि मेरे पिताजी का, दादाजी का, और कई यशस्वी व्यक्तिओं का जैसे कि जे आर डी टाटा, स्वामी विवेकानंद इत्यादि । कई बार किसी के कहने पर भी पोर्ट्रेट बना देता था । जैसे कि एकबार मेरे एक दोस्त की माताजी का देहांत होने के बाद उसके अनुरोध पर मैंने उसकी माताजी का एक पोर्ट्रेट बना दिया था जो आज भी उसके घर के दीवार पर लगा हुआ है ।
जैसे जैसे करिअर में आगे बढ़ता गया, समय कम मिलता रहा । फिर नौकरी, शादी और एक सुन्दर सी, प्यारी सी बेटी का बाप बन गया, और अब तो पेंटिंग करने की फुर्सत बिलकुल नहीं रही । लेकिन अब एक और शौक ने उसकी जगह ले ली है ... फोटोग्राफी ।
अब कैमरा को ही अपना ब्रश बनाकर प्रकृति के सौंदर्य और अपने आसपास के दृश्यों को कैद करते रहता हूँ । कोई सुन्दर सा फोटो लेने के बाद एक अजीब सा सुकून का एहसास होता है । किसी सुन्दर से पल को कैमरे में कैद कर पाऊं तो खुद पर गर्व होता है कि सही समय पे फोटो ले पाया । अपनी ही ली हुई बेटी की किसी तस्वीर को बारबार देखता हूँ और सोचता हूँ कि किस तरह वो बड़ी हो रही है ।
तो सोचा आज क्यूँ न आप सबके साथ कुछ ऐसे फोटो सांझा करूँ जो मैंने अपने कैमरे से लिया है और मेरी क्षुद्र समझ से अच्छा ही लिया है ।
किसी चीज़ की तस्वीर को बहुत पास से लिया जाय तो उसे मैक्रो (Macro) फोटोग्राफी कहते हैं । और कोई चीज़ दूर में हो और उसकी तस्वीर उतारा जाय तो उसे ज़ूम (Zoom) फोटोग्राफी कहते हैं । मैंने मैक्रो द्वारा कई फूलों के सौंदर्य को तस्वीर में कैद करने की कोशिश की है तो कई बार कोई पंछी की तस्वीर ली जो दूर किसी पेड़ की डाली पर बैठकर कलरब कर रहा था ।
जैसे जैसे करिअर में आगे बढ़ता गया, समय कम मिलता रहा । फिर नौकरी, शादी और एक सुन्दर सी, प्यारी सी बेटी का बाप बन गया, और अब तो पेंटिंग करने की फुर्सत बिलकुल नहीं रही । लेकिन अब एक और शौक ने उसकी जगह ले ली है ... फोटोग्राफी ।
अब कैमरा को ही अपना ब्रश बनाकर प्रकृति के सौंदर्य और अपने आसपास के दृश्यों को कैद करते रहता हूँ । कोई सुन्दर सा फोटो लेने के बाद एक अजीब सा सुकून का एहसास होता है । किसी सुन्दर से पल को कैमरे में कैद कर पाऊं तो खुद पर गर्व होता है कि सही समय पे फोटो ले पाया । अपनी ही ली हुई बेटी की किसी तस्वीर को बारबार देखता हूँ और सोचता हूँ कि किस तरह वो बड़ी हो रही है ।
तो सोचा आज क्यूँ न आप सबके साथ कुछ ऐसे फोटो सांझा करूँ जो मैंने अपने कैमरे से लिया है और मेरी क्षुद्र समझ से अच्छा ही लिया है ।
किसी चीज़ की तस्वीर को बहुत पास से लिया जाय तो उसे मैक्रो (Macro) फोटोग्राफी कहते हैं । और कोई चीज़ दूर में हो और उसकी तस्वीर उतारा जाय तो उसे ज़ूम (Zoom) फोटोग्राफी कहते हैं । मैंने मैक्रो द्वारा कई फूलों के सौंदर्य को तस्वीर में कैद करने की कोशिश की है तो कई बार कोई पंछी की तस्वीर ली जो दूर किसी पेड़ की डाली पर बैठकर कलरब कर रहा था ।
ओ फूलों की रानी, बहारों की .... |
ये नीली नीली आँखें ... |
म्हारे हिवड़ा में नाचे मोर ... |
फूलों के रंग से... |
एक था गुल और ... |
इस फूल को पहचानिये तो ... |
White-breasted Waterhen (Amaurornis phoenicurus) |
Brahminy Myna (Sturnus pagodarum) |
Black-winged Kite (Elanus caeruleus) |