Indranil Bhattacharjee "सैल"

दुनियादारी से ज्यादा राबता कभी न था !
जज्बात के सहारे ये ज़िन्दगी कर ली तमाम !!

अपनी टिप्पणियां और सुझाव देना न भूलिएगा, एक रचनाकार के लिए ये बहुमूल्य हैं ...

Apr 5, 2010

उलझन में हूँ


खिजां भी देखी है मैंने तो, देखी है बहार भी !
मैदाने जंग में देखी है जीत भी है हार भी !!

रूक रूक के आँखों से कैसे टपकता है अश्के ग़म !
पानी देखा है ठहरा हुआ, देखी है धार भी !!

कहीं ईद-होली है तो कहीं गोधरा-बाबरी !
कहीं नफरत पनपते देखा, कहीं दिल में प्यार भी !!

उससे मुझे रूठना है या मनाना है उसको !
वो मेरे ग़म का सबब है वो मेरा ग़मख्वार1 भी !!

उलझन में हूँ पहले कौन सी बात मैं करूँ उससे  !
दिल में मेरे कई सवाल, शिकवे हैं हज़ार भी !!

उनके आने का वादा है झूठा ये है पता हमें !
दिल में शक है लेकिन सैल थोड़ा है ऐतबार2 भी !!

  1. ग़मख्वार - हमदर्द, sympathiser
  2. ऐतबार - विश्वास, trust

18 comments:

  1. अच्छा बयां है आपकी रचना में!मज़ा आया पढ कर! "सच में" पर आने और वख्त देने के लिये आप का तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूं, और दोबारा आमद का मुन्तज़िर! सादर!
    _Ktheleo

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  2. aapki yeh khoobsurat uljhan bahut psand aayi

    -Shruti

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  3. bahut accha likhte hain aap..
    accha laga aapko padhna..

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  4. har sher behad umda, jazbaaton ki khubsurat bayaangi, daad kubool karen.

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  5. Behad achha likhte hai aap...harek alfaaz jaise gadha gaya ho!

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  6. बहुत खूब...असमंजस की स्थिति को बखूबी बयां किया है

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  7. बहुत बढ़िया लगा! लाजवाब प्रस्तुती! बहुत बहुत बधाई!

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  8. khijan bhi dekhi hai maine to dekhi hai bahar bhi
    jang mein jeet bhi dekhi hai to dekhi hai haar bhi

    ruk ruk ke aankhon se kaise tapkata hai ashke gam
    paani bhi dekha thahra hua to dekhi hai dhaar bhi

    ye sher mujhe bahut pasand aaye hain puna Badhai!!

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  9. उस से मुझे रूठना है, या मनाना है उसे
    वो मेरे गम का सबब है वो मेरा गमखार भी

    बहुत जानदार शेर बन पडा है
    रचना में दिल की गहराई झलकती है
    आभार .

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  10. सत्यम शिवम् सुन्दरम ................... ओर क्या कहूं आखिरी शेर कमाल का लगा मजा आ गया एक एक शेर संग्रहनीय

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  11. wow, indranil ji..
    aaj mauka laga apke blog par aaane ka..

    I can't see e-mail subscription option here.
    If you have missed it, please add it..

    and subscribe my id yogesh249@gmail.com for the same...

    Thanks
    Yogesh

    ReplyDelete
  12. WAH JANAB..AAP TO CHHUPE RUSTAM...NIKLE ..DIL KO CHHOO LENE WALI RCHNA...UTTAM

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  13. इस नए चिट्ठे के साथ हिंदी ब्‍लॉग जगत में आपका स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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  14. आप सभी को मेरा तहे दिल से शुक्रिया !

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