आजकल यहाँ जुदाई का मौसम चल रहा है ! इसलिए मन उदास ! इस उदासी में कहीं किसी दरार से रिसने लगे कुछ भावों को कविता में ढाल दिया जो आपके समक्ष प्रस्तुत है ! इस कविता को समर्पित करता हूँ अपनी अर्धांगिनी को जो इस वक़्त मुझसे काफी दूर है ! कहा न ... आजकल जुदाई का मौसम चल रहा है ...
तुम एक दिन हो !
हाँ,
पूरा एक दिन !
मुझे देखते ही
तुम्हारे चेहरे पर
खिल जाती है सुबह की किरणे !
तुम्हारी बातें,
जैसे दिन भर
इस डाल से उस डाल,
इस पेड़ से उस पेड़,
चिड़ियों का फुदकना
चहचहाना !
उदासी में भी मुस्कुराती हो
तो लगता है कि,
बादलों की ओट से
चांदनी झलक रही हो !
और नाराज़ होती हो
तो रात घनेरी घिर जाती है !
मनाता हूँ,
तो बहुत मुश्किल से
फिर एक हलकी सी मुस्कान,
जैसे सुबह कि पहली किरण !
इसलिए तो कहता हूँ कि,
तुम एक दिन हो,
पूरा एक दिन !
खूबसूरत भावनाओं से सजी अच्छी रचना.....आशा की किरण सी
ReplyDeleteअच्छी अभिव्यक्ति है।
ReplyDeletebahut sundar kavita..
ReplyDeleteaccha laga aapko padhna..
aapki ek prastuti charcha manch mein aaj daali hai dekh lijiyega..
aabhaar...
http://charchamanch.blogspot.com/
वाह!!!!!!!!!! गहरी बात मन में भी हलचल पैदा कर गयी
ReplyDeleteआभार
तुम एक दिन हो पूरा दिन ....
ReplyDeleteवाह ग़ज़ब के ज़ज्बात हैं आवकी इस रचना में ... पत्नी समर्पित बहुत अच्छी रचना है ...
बहुत सुंदर प्रेम कविता... मन को छू लेने वाली कविता
ReplyDeleteपूरा एक दिन मिल जाना भाग्य की बात है।
ReplyDeleteindra bhai...achha laga aap mere blog par aaye aur apni mahattavpoorn tippani ki....
ReplyDeleteaapki ye rachna bahut achhi lagi mujhe, aate rahiyega!
कलमकार सच्चा जहाँ भी रहेगा ।
ReplyDeleteजो अनुभव करेगा वही सब कहेगा ॥
बधाई!
tum ek poora din,
ReplyDeletemeri pooree kalpana...
kalam kee sampoorn syaahi...
bahut khoob sir ...prem me insaan kitna srijnatmak ho jata hai...
ReplyDelete...बहुत सुन्दर,प्रसंशनीय !!!
ReplyDeleteओये होए ....मुबारक जी ये एक दिन ......!!
ReplyDeleteतुम एक दिन हो! वाह! बहुत खूब! मुबारक!
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया..... इन्द्रनील.....
ReplyDeleteफ्रेंड्स???????
i loved this poem.........ek poora din naseeb hai aapko apne har rang me ..
ReplyDeletethanks for dropping by and appreciating my effort.
Kya baat hai..aap ne to stabdh kar diya!
ReplyDeletebahut achchi lagi.
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