आज यहाँ मुकाम है, कल कहीं और होगा !
आने जाने का ज़माने में यूँ ही दौर होगा !!
कौन रुका है हमेशा के लिए मेरे दोस्त !
न हुआ था यहाँ कभी न कोई ठौर होगा !!
आने जाने का ज़माने में यूँ ही दौर होगा !!
कौन रुका है हमेशा के लिए मेरे दोस्त !
न हुआ था यहाँ कभी न कोई ठौर होगा !!
बहुत बहुत शुक्रिया शैल जी आपने ब्लॉग पर पधार कर हौसला अफजाई की,आप का ब्लोग्दर्शन कर के मन को अत्यंत प्रसन्नता हुई ,आपकी शायरी में बहुत परिपक्वता है हम जैसे नवागन्तुको को बहुत कुछ सिखने को मिल सकता है
ReplyDeleteसादर धन्यवाद
वाह वाह क्या बात है! बिल्कुल सही कहा है आपने!
ReplyDeletebahut hi achhe bhaw
ReplyDeleteआखिरी लाईन कुछ गड़बड़ लगी
ReplyDeleteहॉं कुछ बेहतर सूझने पर आपको सूचित करेंगे।
ReplyDeleteबहुत खूब...
ReplyDeleteaha! Behad sundar!Kaash aisa fan mujhe bhi hasil ho!
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