अपनी कुछ कवितायेँ, कुछ ग़ज़ल, कुछ बात रख रहा हूँ ............... मेरी ज़िन्दगी के कुछ एहसासात रख रहा हूँ
padhte rahe hum aapka ye sher badi der takkarte rahe ismen ulat pher badi der takjiska nateeza hai char panktian ye ban gayichhap rah jayegi zahan men badi der takachcha likha tha jis par kuchh likhne ka lobh sanvaran na kar saka.
खूबसूरती से लिखे हैं जज़्बात....
बहुत सुन्दर ............. इन्द्रनिल जी आप मेरे ब्लोग के पाठक बने धन्यवाद 1आशा करती हूँ शब्दों के साथ साथ ये सफर अच्छा बीतेगा सुमन कपूर
हमभी तडपे थे बहुत उनकी गफलतो बेवफाई पर !पछताए होंगे वो भी देख अपनी भूल बड़ी देर तक !! bahot khub... sail ji
आपकी टिप्पणियां एवं सुझाव बहुमूल्य हैं ...
padhte rahe hum aapka ye sher badi der tak
ReplyDeletekarte rahe ismen ulat pher badi der tak
jiska nateeza hai char panktian ye ban gayi
chhap rah jayegi zahan men badi der tak
achcha likha tha jis par kuchh likhne ka lobh sanvaran na kar saka.
खूबसूरती से लिखे हैं जज़्बात....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ............. इन्द्रनिल जी आप मेरे ब्लोग के पाठक बने धन्यवाद 1आशा करती हूँ शब्दों के साथ साथ ये सफर अच्छा बीतेगा
ReplyDeleteसुमन कपूर
हमभी तडपे थे बहुत उनकी गफलतो बेवफाई पर !
ReplyDeleteपछताए होंगे वो भी देख अपनी भूल बड़ी देर तक !! bahot khub... sail ji