आजकल वो यूँ ही जानकर गाफिल1 रहते हैं !
ज़माने के साजिश में वो भी शामिल रहते हैं !!
ज़माने के साजिश में वो भी शामिल रहते हैं !!
किसको काटे किसे रखे ये तो पानी पर है !
दोनों बाज़ू वरना एक से साहिल2 रहते हैं !!
दोनों बाज़ू वरना एक से साहिल2 रहते हैं !!
अजब हालत है ज़माने की अब तो हर कोई !
अधूरापन में भी अक्सर वो कामिल3 रहते हैं !!
अधूरापन में भी अक्सर वो कामिल3 रहते हैं !!
आज यहाँ पर ज़माने की ये हालत है कि !
ज़हीनो4 के सर पर सवार जाहिल5 रहते हैं !!
ज़हीनो4 के सर पर सवार जाहिल5 रहते हैं !!
कहाँ गई वो ख़ुशी जो थी कभी चेहरे पर !
आजकल वो काम के मारे काहिल6 रहते हैं !!
आजकल वो काम के मारे काहिल6 रहते हैं !!
क्या बतलाऊँ तुझको मै कि बड़ा मशरूफ हूँ !
दिलो दिमाग में कितने मसाइल7 रहते हैं !!
दिलो दिमाग में कितने मसाइल7 रहते हैं !!
इन्ही बातों पर अजीब उलझन में है 'सैल'!
कि इस तरह सारी बातें मुकाबिल8 रहते हैं !!
कि इस तरह सारी बातें मुकाबिल8 रहते हैं !!
1. गाफिल – बे फिक्र ; 2. साहिल – किनारा ; 3. कामिल – मुकम्मल, whole, complete ; 4. ज़हीन – intelligent ; 5. जाहिल - अनपढ़, गंवार ; 6. काहिल - सुस्त, थका हुआ, tired ; 7. मसाइल – matter, मसलें ; 8. मुकाबिल - opposite
आज यहाँ पर ज़माने की ये हालत है की !
ReplyDeleteजहिनोके सर पर जाहिल सवार रहते है !!
बहोत ही सुन्दर तरहसे आपने जिंदगी के सत्य को रखा है.....आज के इन्सान की तो यही फितरत है
behtrin har sher laazwaab ,aane ke liye shukriyaan
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