होली के मौके पर सभी ब्लॉगर साथियों को शुभकामनायें !
जापान में आई भयानक त्रासदी में भारत के सभी नागरिकों की तरफ से संवेदना व्यक्त करना चाहता हूँ और उन जांबाज़ लोगों को सलाम करना चाहता हूँ जो अपनी मौत की परवाह न करते हुए, परमाणु उर्जा संयंत्र में आई समस्याओं से जूझ रहे हैं, ये जानते हुए भी कि इससे उनकी मौत भी हो सकती है !
आप सबके लिए एक कविता प्रस्तुत है इस रंगों के उत्सव पर । उम्मीद है आपको पसंद आयेगी ।
ढेरों रंग रखे हैं मैंने
खूब खेलूंगा होली,
रंगों का उत्सव है आज
गाऊँ संग हमजोली ।
तेरे होठों की लाली है
रंग मेरे गालों पर,
आसमान का नीला रंग
से तू सपनों को भर ।
आँचल का हरा रंग
से मन हुआ नशीला,
तेरी मीठी मुस्कान से
मिला है रंग पीला ।
मन को रंग दो आज
दया, करुणा के रंग से,
मानवता में रंग लो और
सीखलो जीना ढंग से ।
जापान में आई भयानक त्रासदी में भारत के सभी नागरिकों की तरफ से संवेदना व्यक्त करना चाहता हूँ और उन जांबाज़ लोगों को सलाम करना चाहता हूँ जो अपनी मौत की परवाह न करते हुए, परमाणु उर्जा संयंत्र में आई समस्याओं से जूझ रहे हैं, ये जानते हुए भी कि इससे उनकी मौत भी हो सकती है !
आप सबके लिए एक कविता प्रस्तुत है इस रंगों के उत्सव पर । उम्मीद है आपको पसंद आयेगी ।
ढेरों रंग रखे हैं मैंने
खूब खेलूंगा होली,
रंगों का उत्सव है आज
गाऊँ संग हमजोली ।
तेरे होठों की लाली है
रंग मेरे गालों पर,
आसमान का नीला रंग
से तू सपनों को भर ।
आँचल का हरा रंग
से मन हुआ नशीला,
तेरी मीठी मुस्कान से
मिला है रंग पीला ।
मन को रंग दो आज
दया, करुणा के रंग से,
मानवता में रंग लो और
सीखलो जीना ढंग से ।
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ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा है सर!
ReplyDeleteआप को सपरिवार होली की हार्दिक शुभ कामनाएं.
सादर
हार्दिक संवेदनाएं वहां के लोगों के लिए .....
ReplyDeleteरंग पर्व की मंगलकामनाएं
सैल साहब, सच कहूँ तो इस बार होली पर मन बुझा बुझा सा था। इतना भयंकर हादसा होकर हटा है और अभी भी जापान के लोग सेफ़ नहीं है। आपने होली की शुभकामनायें देते समय उन्हें भी याद रखा, अच्छा लगा। उत्सव जीवन का हिस्सा हैं, चलते ही रहने चहियें लेकिन हम साथ ही उनकी भी खुशियों की खैर मांगे जो इस घड़ी में जीवन और मौत के बीच झूल रहे हैं तो ही उत्सव की सार्थकता है।
ReplyDeleteअच्छी पंक्तियां लिखी हैं आपने।
समस्त ’सैल’ परिवार को होली की हार्दिक श्भकामनायें।
मन को रंग दो आज
ReplyDeleteदया, करुणा के रंग से,
मानवता में रंग ले और
सीखले जीना ढंग से ।
bahut sahi kaha hai ... holi ka aashish
मन को रंग दो आज
ReplyDeleteदया, करुणा के रंग से,
मानवता में रंग ले और
सीखले जीना ढंग से ।
Bahut sundar!
Holee mubarak ho!
आप सबके साथ मेरी भी सम्वेदनायें जापान के लिये!
ReplyDeleteहोली पर मंगलकामनायें!
सैल भैया ,
ReplyDeleteदीवाली की शुभकामनायें अक्सर होली में भंग पीकर दे दी जाती हैं यह एक बढ़िया रिवाज है जो मैंने शुरू कर दिया है ! भला हो संजय बाऊ जी का जो बता गए कि भंग ज्यादा चढ़ गयी है !
होली की शुभकामनायें स्वीकार करें ! दीवाली वाली अडवांस में जमा रखें ...
मज़ा आ गया।
ReplyDeleteहैप्पी होली!
होली के रंग तो बहुत प्यारे होते है, उतने ही प्यार से आपने इसे रंगा है.. होली मुबारक.
ReplyDeleteआप सब को भी होली मंगलमय हो.
ReplyDeleteजापान की त्रासदी पर हम भी आपके साथ आपके विचारों का समर्थन करते हैं.'जापानी बंधुओं से'शीर्षक लेख में मैंने समाधान भी प्रस्तुत करने का प्रयास किया है.
मन को रंग दो आज
ReplyDeleteदया, करुणा के रंग से,
मानवता में रंग ले और
सीखले जीना ढंग से ।
सुन्दर सन्देश ..होली की शुभकामनायें
होली की शुभकामनायें स्वीकार करें !
ReplyDelete@ सतीश जी,
ReplyDeleteकोई बात नहीं ... होली हो या दिवाली आपने याद कर लिया ...यही बहुत है :)
@ मो सम कौन
आपने मेरी मन की बात कह दी
"उत्सव जीवन का हिस्सा हैं, चलते ही रहने चहियें लेकिन हम साथ ही उनकी भी खुशियों की खैर मांगे जो इस घड़ी में जीवन और मौत के बीच झूल रहे हैं तो ही उत्सव की सार्थकता है"
नेह और अपनेपन के
ReplyDeleteइंद्रधनुषी रंगों से सजी होली
उमंग और उल्लास का गुलाल
हमारे जीवनों मे उंडेल दे.
आप को सपरिवार होली की ढेरों शुभकामनाएं.
मन को रंग दो आज
ReplyDeleteदया, करुणा के रंग से,
मानवता में रंग ले और
सीखले जीना ढंग से
होली के अवसर पर सुन्दर रचना । मंगलकामनाएं ।
.
मन को रंग दो आज
ReplyDeleteदया, करुणा के रंग से,
मानवता में रंग लो और
सीखलो जीना ढंग से ।
holi parv ki badhai is sundar sandesh ke saath .
हर शब्द दिल पर असर कर गया ..आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeletebahut sunder rachna antim char line bhahut badhiya lage hai ........aapko bhi holi ki anek shubhkamanaye.........
ReplyDeleteसुन्दर सन्देश. होली की शुभकामनायें
ReplyDeleteप्रशंसनीय.........लेखन के लिए बधाई।
ReplyDelete========================
निखरती रहे वह सतत काव्य-धारा।
जिसे आपने कागजों पर उतारा॥
========================
होली मुबारक़ हो। सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी
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ReplyDeleteप्रेम भाव के प्राकट्य से बढ़ कर कौन सी होली हो सकती है. आप का संदेश हृदय को रंग गया.
ReplyDeleteअति सुंदर ! एक नवीन भाव, नवीन रंग करुणा का |
ReplyDelete@ सैल
ReplyDeleteरचना के शुरू की लाइने बेहद खूबसूरत और सार्थक हैं ...औरों की तरह सरसरी नज़र से पढने के कारण समझ ही नहीं सका :-( आज दुबारा इसे पढ़ा तो सोंचने पर मजबूर कर दिया और साथ ही एक खूबसूरत संवेदनशील दिल के बारे में भी जान पाया !
वाकई वे ही मानव हैं जो इस त्रासदी और भयानक मौत की उस गुफा में अकेले अपनी नन्ही जान को जोखिम में डालकर, इस त्रासदी से जूझ रहे हैं !
शायद मानवता का यही स्वरुप है जो हमें जीने की राह और समाज निर्माण की बुद्धि देता है ! और हम यहाँ रंगोत्सव मना रहे हैं....उन्हें भूल कर :-(
@ सतीश जी,
ReplyDeleteसराहने के लिए अनेक धन्यवाद ! वैसे अपने देश में कोई उत्सव मनाना गलत नहीं है ... बस इतना ध्यान रखना है कि खुशी के नशे में हम सामाजिक बातें न भूलें ... अपने ब्लॉग में कुछ शब्द लिख देने से न तो हमें कुछ नुक्सान होगा नाही हम कोई महात्मा बन जायेंगे .. बस जो लिखेगा उसको अच्छा लगेगा और जो पढ़ेगा उसको भी ... दुनिया भर में भलमनसाहत फैले यही तो हम चाहते हैं ... है न ?
Very well said sir, zindai ke rang hain yeh...
ReplyDeleteIndranil
ReplyDeletei feel this is one of the best Kavita i have read,
thanks
a very nice one
keep writing
Thanks Panigrahi, good to see you in the blog world!
ReplyDeleteदेर से पहुंचा.
ReplyDeleteहोली मुबारक.
रंगों की रंगीनी में सजा खूबसूरत सन्देश.
मन को रंग दो आज
दया, करुणा के रंग से,
मानवता में रंग लो और
सीखलो जीना ढंग से
SALAAM.
BAHUT SUNDAR SANDESH DIYA AAPNE HOLI KE RANG ME....
ReplyDeleteSundar rachana...mazedar post ..shubhkamna
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