माँ बनके ममता का सागर लुटाती हो,
बहन हो हक और स्नेह जताती हो,
पत्नी बन जीवनभर साथ निभाती हो,
बन बेटी, खुशी से दिल भर जाती हो,
तुम में अनंत रूप, असंख्य रंग हैं ...
औरत, हर मोड़ पे साथ निभाती हो !
तुमसे है घर-द्वार, तुमसे संसार है,
सृष्टि भी बिना तुम्हारे लाचार है,
गुस्सा है तुम से और तुम से ही प्यार है,
हो साथ तुम तो क्या जीत क्या हार है,
बिना तुम्हारे न रहेगी ये दुनिया ...
औरत के कंधो पर सृष्टि का भार है !
बहन हो हक और स्नेह जताती हो,
पत्नी बन जीवनभर साथ निभाती हो,
बन बेटी, खुशी से दिल भर जाती हो,
तुम में अनंत रूप, असंख्य रंग हैं ...
औरत, हर मोड़ पे साथ निभाती हो !
तुमसे है घर-द्वार, तुमसे संसार है,
सृष्टि भी बिना तुम्हारे लाचार है,
गुस्सा है तुम से और तुम से ही प्यार है,
हो साथ तुम तो क्या जीत क्या हार है,
बिना तुम्हारे न रहेगी ये दुनिया ...
औरत के कंधो पर सृष्टि का भार है !
International Women's Day पर मेरी बेटी भी पीछे नहीं रही और अपनी मम्मा के लिए एक सुन्दर सा कार्ड बनाई है जिसे आप यहाँ देख सकते हैं !
एक एक पंक्ति बेहतरीन और सहमत हूँ आपसे.... :)
ReplyDeleteबिना तुम्हारे न रहेगी ये दुनिया ...
ReplyDeleteऔरत के कंधो पर सृष्टि का भार है !
अगर समाज इस बात को समझ ले तो दुनिया स्वर्ग हो जाय !
नारी शक्ति को रखांकित करती हुई सुन्दर रचना
वास्तिवकता का वर्णन करती कविता उत्तम है.
ReplyDeleteबिना तुम्हारे न रहेगी ये दुनिया ...
ReplyDeleteऔरत के कंधो पर सृष्टि का भार है !
बहुत ही बढ़िया सर!
सादर
स्त्री के अनेक रूप दर्शाती आपकी रचना बहुत अच्छी है...बधाई स्वीकारें
ReplyDeleteनीरज
सारा जीवन किया समर्पित
ReplyDeleteपरमार्थ में नारी ही ने ,
विधि ने ऐसा धीरज लिखा
केवल भाग्य तुम्हारे में ही
उठो चुनौती लेकर बेटी , शक्तिमयी सी तुम्ही दिखोगी !
पहल करोगी अगर नंदिनी घर की रानी तुम्ही रहोगी
काश हर कोई इसे समझ पाता ..सुन्दर रचना
ReplyDeletebina nari ke na saundary, na khushi, na rang, na ghar ki diwaren ...
ReplyDeleteबहुत खूब ... सार्थक रचना है ... नारी हर रूप में अपना अलग प्रभाव रखती है ...... सभी को महिला दिवस की बहुत बहुत शुबकामनाएं ...
ReplyDeleteहर पंक्ति लाजवाब ...बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
ReplyDeleteनारी के अंदर ही नर है। पर आज हम सब नारी को ना..री... बनाने पर तुले हैं।
ReplyDeleteसार्थक रचना है .............बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
ReplyDeleteआज के दिन को सार्थक करती रचना।
ReplyDeleteबिना तुम्हारे न रहेगी ये दुनिया ...
ReplyDeleteऔरत के कंधो पर सृष्टि का भार है !
बहुत सुन्दर प्रस्तुति.
हो साथ तुम तो क्या जीत क्या हार है,
ReplyDeleteबिना तुम्हारे न रहेगी ये दुनिया ...
औरत के कंधो पर सृष्टि का भार है !
... बहुत खूब कही आपने.
तुमसे है घर-द्वार, तुमसे संसार है,
ReplyDeleteसृष्टि भी बिना तुम्हारे लाचार है,
गुस्सा है तुम से और तुम से ही प्यार है,
हो साथ तुम तो क्या जीत क्या हार है,
samjhta to har koi hai magar maan bhi dena jaroori hai .isi bhav par main bhi likhi rahi gat barsh .sundar rachna .
गुस्सा है तुम से और तुम से ही प्यार है,
ReplyDeleteहो साथ तुम तो क्या जीत क्या हार है,
- सच में ,भावनाओं दोनों छोर छूती हुई संबंधों की धारा रुकती नहीं .
यही जीवन है !
bahut sunder bhav.....
ReplyDeletekaash har kisi ki ye soch hoti.....
इस अवसर पर आपकी रचना सार्थक है और बहुत सुंदर है.
ReplyDeleteरिमझिम गुड़िया का बनाया कार्ड भी देखा है. बहुत सुंदर. उसे कृपया बधाई दीजिएगा.
ReplyDeletebahut sundar rachna..nari ke vyaktitv ko ubharti hui.....
ReplyDeletecard is so cute...
sundar rachna aur behatreen card.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना।। बधाई।
ReplyDeleteमैं पिछले कुछ महीनों से ज़रूरी काम में व्यस्त थी इसलिए लिखने का वक़्त नहीं मिला और आपके ब्लॉग पर नहीं आ सकी!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और लाजवाब रचना ! बेहतरीन प्रस्तुती!
माँ बनके ममता का सागर लुटाती हो,
ReplyDeleteबहन हो हक और स्नेह जताती हो,
पत्नी बन जीवनभर साथ निभाती हो,
बन बेटी, खुशी से दिल भर जाती हो
आपकी रचना सार्थक है और बहुत सुंदर है.
माँ बनके ममता का सागर लुटाती हो,
ReplyDeleteबहन हो हक और स्नेह जताती हो,
पत्नी बन जीवनभर साथ निभाती हो,
बन बेटी, खुशी से दिल भर जाती हो,
तुम में अनंत रूप, असंख्य रंग हैं ...
औरत, हर मोड़ पे साथ निभाती हो !
तुमसे है घर-द्वार, तुमसे संसार है,
सृष्टि भी बिना तुम्हारे लाचार है,
गुस्सा है तुम से और तुम से ही प्यार है,
हो साथ तुम तो क्या जीत क्या हार है,
बिना तुम्हारे न रहेगी ये दुनिया ...
औरत के कंधो पर सृष्टि का भार है !
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औरत का कदम-कदम पर अपमान होते देखकर सिर्फ ऐसी ही रचनाएँ ह्रदय को सुकून देती हैं। दुनिया में कुछ पुरुष तो ऐसे हैं जो स्त्री को सम्मान और स्नेह की दृष्टि से देखते हैं । आपकी कविता अपनी मित्र को पढाई , उसकी तरफ से भी आपको आभार ।
.
आपकी रचना सार्थक है और बहुत सुंदर है|धन्यवाद|
ReplyDeleteआपके विचार बहुत सुन्दर हैं और प्रस्तुति भी। रिमझिम बिटिया का बनाया कार्ड भी बहुत खूबसूरत है।
ReplyDeleteहम भी महिला दिवस पर शुभकामना दे सके, धन्यवाद।
A great tribute to Women's Day, a day of women empowerment.
ReplyDeleteU know I dared to born on this day (8th March).
Best wishes.
Thank You Sir, for your encouraging words ...
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया लिखा है आपने.
ReplyDeleteबिना तुम्हारे न रहेगी ये दुनिया ...
औरत के कंधो पर सृष्टि का भार है !
कहीं और भी लिखा था मैंने.
खुदा ने पहले स्त्री को ही बनाया.
खुदा के बाद स्त्री को ही खुदा का दर्जा मिलता है,पुरुष को नहीं.
सलाम.
सही है... महिला ही पुरुष को पूरा करती है और दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे हैं..
ReplyDeleteयह बात समझने की ज़रूरत है..
आपकी रचना सुन्दर लगी महिला दिवस के लिए उपयुक्त
आभार
चलता जीवन पर आपके विचारों का इंतज़ार है
बहुत बेहतरीन...
ReplyDeleteआप को सपरिवार होली की हार्दिक शुभ कामनाएं.
ReplyDeleteसादर
आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनायें.
ReplyDeleteBehtreen ... sundar post..
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